अहंकार
#छायाओंकीभाषा
मन में एक हुक सी उठ रही
और अहंकार अपनी चरम सीमा पर.....
हृदय की गति तीव्र है
और सांसें भी उफान पर.....
दोनों की एक ही दशा है
निः संदेह परिस्थितियां भी एक ही हैं.....
कंपकपाते होठों से
शब्द बाहर ना निकले
और अनकहे, अनबोले शब्द
मन के भीतर ही शोर मचाते रहे.....
पहले पहल कौन करे
इस प्रश्न में उलझे
दोनों ही चुप रहे
अहंकार...
मन में एक हुक सी उठ रही
और अहंकार अपनी चरम सीमा पर.....
हृदय की गति तीव्र है
और सांसें भी उफान पर.....
दोनों की एक ही दशा है
निः संदेह परिस्थितियां भी एक ही हैं.....
कंपकपाते होठों से
शब्द बाहर ना निकले
और अनकहे, अनबोले शब्द
मन के भीतर ही शोर मचाते रहे.....
पहले पहल कौन करे
इस प्रश्न में उलझे
दोनों ही चुप रहे
अहंकार...