बार बार कोशिश की
बार बार कोशिश की,
अब की बार थक गई हूं,
मेरी आंखों को तुम पढ़ तो लो,
दरिया वहां बैठा है ,
प्यार की गहराई को समझ तो लो,
एक पल में एक बूंद जो गिरती है,
हर बूंद में ,
तेरे नाम की गुंजन है,
ए हवा ! उसका द्वार तक...
अब की बार थक गई हूं,
मेरी आंखों को तुम पढ़ तो लो,
दरिया वहां बैठा है ,
प्यार की गहराई को समझ तो लो,
एक पल में एक बूंद जो गिरती है,
हर बूंद में ,
तेरे नाम की गुंजन है,
ए हवा ! उसका द्वार तक...