दृष्टि
बहुत बार मैंने
आंखों देखी ही सच मानी
उनमें झांककर देखा नहीं
छदम भी होता है कभी
कई बार आंखों से
गलत सोच बनाई मन में
सोचते हैं वो गलत था
मानवीय कमी थी हमारी
अब आंखें को देख...
आंखों देखी ही सच मानी
उनमें झांककर देखा नहीं
छदम भी होता है कभी
कई बार आंखों से
गलत सोच बनाई मन में
सोचते हैं वो गलत था
मानवीय कमी थी हमारी
अब आंखें को देख...