मायने दोस्ती के
आज फिर दोस्ती के मायने बदल गए कुछ कहा नहीं उसने पर शब्द जो. मन की जीवा पर घुल गए , शरीर स्थिर सा हुआ तभी मस्तिष्क में कोई विचार ना रहा क्योंकि सब कुछ हम तो स्थिर जीवा से ही बयान कर गए , आज फिर दोस्ती के मायने बदल गए उसने जो इल्जामओ के तीर यू जो हम पर...