...

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बारिशों से कहना है
बारिशों से कहना है -
कुछ बूंदें बरसा दे
उन यादों के ढ़ेर में
जो पड़ी हुई है
कई अरसों से
बंधी हुई है
कई ज़ख्मों से
बहा ले जा उन्हें
छुपा दे किसी कोने में
या मिला दे
किसी सरोवर में
जहां से ना‌ कभी निकल सके
ना फ़िर कभी उगल सके .....

बारिशों से कहना है -
कुछ गीतों के रंग बरसा दे
उन सवालों में
जो दहकती है
मेरे कानों में
ढ़ूंढती है उत्तर
सही मायनों में
रागों के संग
बहा ले जा उन्हें
मिला दें किसी
संगीतों के धुन में
जहां ना‌ ऊब सके
ना मचल सके
बस धुन में धुन मिलाए चल सके ।
© my feelings