...

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जय श्री राम।।
सजी है फिर से अयोध्या
हमारे राम आए हैं...२
प्रभु श्रीराम आए हैं..२
दीपमय कर दो ये नगरी
फूलों से भर दो हर गली
दरस देने को भक्तों को
सिया संग राम आए हैं
सजी है.......
हर तरफ राम के चर्चे
लगे हैं उनके ही पर्चे
रहे अबतक जो घर से दूर
वो अपने घर पधारे हैं
सजी है......
दिलों में बज रहा है गीत
भक्तिमय हो रही है प्रीत
स्वर्ग से देवतागण भी
अपनी आंखें बिछाए हैं
सजी है......
ये आंखें दरस को प्यासी हैं
दिलों में राम वासी हैं
अवध नरेश नारायण
purushottam राम आए हैं
सजी है.....

© Abhi