...

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पी गया हूँ
लगता है कुछ अजब सा पी गया हूँ,
जिंदगी का रस अब मैं पी गया हूँ।

आती है हसीं मुझे सभी बेवकूफों पर,
जिंदगी नाम की बोतल पी गया हूँ।

कुछ तो सिला मिला वफाई करके,
उनकी बेवफ़ाई घोल के पी गया हूँ।

देने लगें है आजकल नसीहत मुझे,
हद से ज्यादा गम़ों की शराब पी गया हूँ।

लोग समझते है मुझे दिवाना 'चाँद',
एक ही घूँट में जहर सब पी गया हूँ।
रीतेश क्रिश्चियन
-चाँद© -ચાંદ