...

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दोस्ती
आज कुछ पुरानी बातों को याद कर एक नई दास्तां लिखते हैं,
मिसाल है जो दोस्ती की जग में उनके बारे में बात करते हैं,
इंटरनेट ईमेल के जमाने को भूल उस ख़त के जमाने में वापिस चलते हैं,
जहां हर दिल में बसती थी सिर्फ सच्चाई उन दिनों को याद करते हैं,
जहां यारी के बिन अपने ही घर का त्यौहार सूना लगता था,
उन यारी के किस्सों की आज समय पर बौछार करते हैं,
जहां बंदिशें न थी समाज की और न ही फरेब का पहरा था,
बेमतलब सा हर दिल से जुड़ा तब रिश्ता बहुत गहरा था,
अब यारी हो...