😇काश कोई पूछ लेता, ख्याल मेरा भी
कुछ होश खो देते हैं लोग ,जवानी के जोश में
जिंदगी को जीते है, बड़े ही रोश में
फिर वक़्त गुजरता है, और हालात बदलते हैं
फिर कहते हैं कि, हम भी तो कैसे जीते हैं
न सरलता होती स्वभाव में, न नरमी होती बर्ताव में
फिर अकेले बैठे रोते हैं, सिकुड़ कर अपनी ही बाँहों में
फिर सोचते हैं कि काश, कोई आसूं पोंछ देता मेरे, काश कोई अपनी बाँहों में जगह देता मुझे
काश कोई पूछ लेता, ख्याल मेरा भी....
© Rohi
जिंदगी को जीते है, बड़े ही रोश में
फिर वक़्त गुजरता है, और हालात बदलते हैं
फिर कहते हैं कि, हम भी तो कैसे जीते हैं
न सरलता होती स्वभाव में, न नरमी होती बर्ताव में
फिर अकेले बैठे रोते हैं, सिकुड़ कर अपनी ही बाँहों में
फिर सोचते हैं कि काश, कोई आसूं पोंछ देता मेरे, काश कोई अपनी बाँहों में जगह देता मुझे
काश कोई पूछ लेता, ख्याल मेरा भी....
© Rohi