...

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जीवन रंग
#बिखर
निखर जाएगा समझौता कर ले,
बिखर जायेगा ना हठ कर बे;
शीशा कहा टिकता गिर कर रे,
टुकड़े टुकड़े होकर बिखरे ।

समेट सब, अहसास अपने
जी ले जीवन, तू बस हंस के
आंधी, तूफां, में भी ठहर कर
बांध हिम्मत, जज़्बात जो बिखरे ।

कर पाऊंगा, वादा कर ले
रंग लाऊंगा, वक़्त पे अपने
बीते वक़्त, न अफसोस कर के
आंख खुले, सब संभव कर ले ।

खुद को खुद, तू आजमां के
चहुं और, जीवन रंग भर दे
आशा का तू दीपक जलाकर
विजयी परचम को फहरा दे ।

रजनी भंडारी 'मन'
✍️...
(स्वरचित)









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