...

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अनकही जज़्बात
मैं सोचती रही
बार बार बिखरती रही
बिलापती रही
तड़पती रही
रोती रही
मिन्नते करती रही
मगर मेरी एक भी बात न सुनी गई
मुझे मरने को छोड़ दिया गया
आखिर मेरी गलती क्या थी
मेरी कसूर क्या थी
बस इतना ही ना मैने सब पर भरोसा किया
खुद से भी ज्यादा प्यार किया
परवाह किया ,,
जो उसे अच्छा लगे वो सब किया
कभी किसी भी चीज़ के लिए न उम्मीद नहीं किया
जितनी मुझसे हो सके सबको खुश रखने की कौशिश किया
उसको अपनी दुनियां मानी
उसकी खुशी को अपनी खुशी किया ,,
बस इतना ही था मेरा कसूर,,
शायद इसीलिए उसने मुझे दुनियां की सबसे फालतू इंसान होने का एहसास दिलाया ,,
मुझे मेरी औकात दिखा दिया ,,
की मेरी जगह उसके दिल में तो क्या उसके घर पर भी नहीं,,,💔🖤

Be strong,,,you can live alone,,,💯❤️🥺
#pankshi