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ऑनलाइन रिश्ते
ऑनलाइन रिश्ते


जीने के लिए जैसे जरुरत है सांसों की
वैसे ही अब मोबाइल हो गया है ज़रुरी

इस मोबाइल की दुनिया में सब खो गए
मिलना छोड़कर अब ऑनलाइन ही रहने लगे

रिश्ते बनते थे जो मिलने से, प्यार से
अब जुड़ने लगे है ऑनलाइन चॅटिंग से

इन्तज़ार रहता था अपनों के चिट्ठी का
अब मेसेज से सबका हाल चाल जानने लगे

तरसती थी ऑंखें जिन्हें देखने के लिए
अब रोज़ मुलाकात होने लगी व्हिडिओ कॉल से

मिलकर जो बातें, भावनाएं बयां होती थी
वो अब इमोजी से बयां होने लगी

जन्मदिन, शादी के निमंत्रण पत्रिका घर तक आती थी
अब मोबाइल फोन और वॉट्सएप पर मिलने लगी

बड़े, बुज़ुर्ग का रहता था जो आदर
ऑनलाइन रिश्तों में है सभी एक बराबर

ऑनलाईन वाले रिश्ते भी है निराले
थोड़ी चॅटिंग से पराए हो जाते है अपने