इंसान .....
समय जिसका साथ देता है ,
वो बड़ों बड़ों को मात देता हैं....
अमीर के घर पर बैठा कौआ भी सबको मोर लगता है...
और ....
ग़रीब का भूखा बच्चा भी ,
सबको को चोर लगता है ....
इंसान की अच्छाई पर ,
सब ख़ामोश रहते हैं....
चर्चा अगर उसकी बुराई पर हो ,
तो गुंगें भी बोल पड़ते हैं ....
वो बड़ों बड़ों को मात देता हैं....
अमीर के घर पर बैठा कौआ भी सबको मोर लगता है...
और ....
ग़रीब का भूखा बच्चा भी ,
सबको को चोर लगता है ....
इंसान की अच्छाई पर ,
सब ख़ामोश रहते हैं....
चर्चा अगर उसकी बुराई पर हो ,
तो गुंगें भी बोल पड़ते हैं ....