...

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हैलो
हाय हैलो कुछ नहीं
बस तुम हों मेरी fellow
मन की बातें करती है
तुम जो मेरी fellow
मिलों तो आंख चुराएं
ना मिले तो घबराए fellow
फिर कोई किस्से सुनाते हुए
चाय-काफी हम तुम fellow
तुम खामोशियां गिनना
हम चुपके-चुपके
तुम्हें सुनना चाहते fellow
गुलाबी रंग गुलाबी होंठों की मुस्कान
ख्वाहिशें ऐसी मेरी fellow
मन मिले या ना मिले, दिल मेरा पढ़ना
क्यों कि तुम मेरी fellow !