...

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Pulwama attack(Surgical Strike) ki gatha
मत रो माँ महक रही आज भी तेरी फुलवारी है,
राखो के ढेर मे सुलगी आज भी चिगाँरी है ।
बनकर लहू दौड रहै है हम देश के सीने मे ,
क्या आँनद है देखो मरकर के भी जीने मे !
लाशो के ढेर मे सुलगा एक शोला है ,
काँप उठा दुशमन आसमा से बरसा ये बारूद का गोला है !!
पस्त हो गए होसले हाफिज जैसे हत्यारो के ,
डोल उठी दुशमन की नैया बिन पतवारो के ।
सुन ले ऐ दुशमन ,अब तो सभल ले ;
छोङकर अपनी बदनीयत को, पाक नीयत मे बदल ले ,
पाक नीयत मे बदल ले ।