डरता हूं
रिश्ते बनाने से डरता हूं
किसी से जुड़ने से डरता हूं
तन्हाइयों में रोया हूं
दर्द में खुद को अकेला पाया हूं
अब किसी पर भी
मैं भरोसा करने से डरता हूं
वादों को तोड़ते देखा है
अपना कहकर
अपनो को छोड़ते देखा है
अब किसी पर
मैं उम्मीद नहीं...
किसी से जुड़ने से डरता हूं
तन्हाइयों में रोया हूं
दर्द में खुद को अकेला पाया हूं
अब किसी पर भी
मैं भरोसा करने से डरता हूं
वादों को तोड़ते देखा है
अपना कहकर
अपनो को छोड़ते देखा है
अब किसी पर
मैं उम्मीद नहीं...