...

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डरता हूं
रिश्ते बनाने से डरता हूं
किसी से जुड़ने से डरता हूं
तन्हाइयों में रोया हूं
दर्द में खुद को अकेला पाया हूं
अब किसी पर भी
मैं भरोसा करने से डरता हूं
वादों को तोड़ते देखा है
अपना कहकर
अपनो को छोड़ते देखा है
अब किसी पर
मैं उम्मीद नहीं करता हूं
क्योंकि मैं डरता हूं
प्यारे बातें
उसके यादों में हसीन रातें
देखना छोड़ दिया हूं
अब प्यार शब्द से भी मैं
नफरत करता हूं
टूटा है
ऐसा बिलकुल भी नहीं है
दिल छलनी हो गया है
अब किस बात से फिर मैं डरता हूं
शायद
उनके जैसे रिश्तों से डरता हूं
अपना बनाकर
पराया बनाने वालो से डरता हूं
प्यार दिखा के
ज़ख्म देने वालो से डरता हूं
मै नए रिश्ते बनाने से डरता हूं
© Amus Singku