मधुर चाँदनी में अंगीकार कर लो 🫂
तापमय जीवन का दिन तपता रहा
रात की चाँदनी देह जलाती रही
इस पीर का तुम अहसास कर लो
मधुर चाँदनी में अंगीकार कर लो 🫂
चाँद उकेर रहा उन्मुक्त कलाये शीर्ष गगन में
छायी हुई दुग्ध उज्जवल सितारों की पिछौरी
इस...
रात की चाँदनी देह जलाती रही
इस पीर का तुम अहसास कर लो
मधुर चाँदनी में अंगीकार कर लो 🫂
चाँद उकेर रहा उन्मुक्त कलाये शीर्ष गगन में
छायी हुई दुग्ध उज्जवल सितारों की पिछौरी
इस...