...

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hhhhhhgfghbbh hhh
मैं एक अधूरा ख्वाब हूं, तू हकीकत की ताबीर।
मैं रात का साया, तू सुबह की पहली किरन।
मैं बेजान पत्थर, तू हीरे की चमक।
मैं सूखा रेगिस्तान, तू सरसों की हरियाली।
मैं जंगली कांटा, तू महकता गुलाब।
मैं टूटता तारा, तू आसमान का चाँद।
मैं बेनाम रास्ता, तू मंजिल की पहचान।
मैं बहती नदी, तू शांत समंदर।
मैं सूखा पत्ता, तू...