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मेरे "अभिराम" की वामांगी होना चाहूंगी!
मैं सिर्फ़ तुम्हारा प्रेम नही
प्रणय की अविरल धार बनना चाहती हूं,
हिस्से में आई लकीरें नही
बल्कि तक़दीर की हर डार बनना चाहती हूं,
मैं उस छलिया कृष्ण के हिय में ही नही
राधा रूप धर वाम में निवास करना चाहती हूं,
मर्यादा पुरुषोत्तम राम के समर्पण की ही नही
सीता के दृढ़ निश्चय की अगवानी करना चाहती हूं,
मैं प्रेम प्रतीक्षा का तप ही नही
जन्मों का बंधन लिए तपस्विनी होना चाहती हूं,
प्रेम,समर्पण सा बहाव ही नही
हर रूप और स्वरूप में जन्म-जन्मांतर तक
मेरे "अभिराम" की वामांगी होना चाहती हूं!
here,abhiraam is my love...
denotes to lord Shiva...
© Tarana 🎶
प्रणय की अविरल धार बनना चाहती हूं,
हिस्से में आई लकीरें नही
बल्कि तक़दीर की हर डार बनना चाहती हूं,
मैं उस छलिया कृष्ण के हिय में ही नही
राधा रूप धर वाम में निवास करना चाहती हूं,
मर्यादा पुरुषोत्तम राम के समर्पण की ही नही
सीता के दृढ़ निश्चय की अगवानी करना चाहती हूं,
मैं प्रेम प्रतीक्षा का तप ही नही
जन्मों का बंधन लिए तपस्विनी होना चाहती हूं,
प्रेम,समर्पण सा बहाव ही नही
हर रूप और स्वरूप में जन्म-जन्मांतर तक
मेरे "अभिराम" की वामांगी होना चाहती हूं!
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