तू आकर देख ले
जन्नत का ख़्वाब लिए भटक गया मैं
रंजिश की दुनिया में यूँ लटक गया मैं
मोहब्बत की चाह में बस घूमता रहा मैं
और उस नशा-ए-इश्क़ मे मटक गया...
रंजिश की दुनिया में यूँ लटक गया मैं
मोहब्बत की चाह में बस घूमता रहा मैं
और उस नशा-ए-इश्क़ मे मटक गया...