...

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जज्बातों की दुनियां मे
कुछ ऐसा जज़्बा दिल में हैं,
जो कहने को अब लफ़्ज़ नहीं मिलते।

एक उमंग जगा हैं जिस दिल में,
वो सुना हैं कि ज़िन्दगी में अभी बहुत फ़सले हैं।

यादें हैं कई जो छोड़ गए हमसे,
अब देखते हैं तो सिर्फ तन्हाई बस रही हैं।

इश्क़ के लिए जीवन की कुछ बची हैं,
पर उन्हें पाने के लिए कुछ और तोड़ना ही पड़ता हैं।

दर्द के जख़्म अब दिखाने को नहीं हैं,
क्योंकि समझते हैं अब किसी को वो समझाने का नहीं मिलते।

आख़िर में जो हम बचाते हैं यादों को,
उनसे ही तो हम तनहा रातों में घूमते हैं।

जज़्बातों की इस दुनिया में,
कुछ ख़ास लोग होते हैं जो दिल में रहते हैं।

एक ग़ज़ल के रूप में ये लफ़्ज़ों में बयां करना,
जज़्बातों की एक अनूठी दुनिया को जोड़ता हैं।