men's day.....
कठिन है स्त्री होना मग़र,
पुरुष होना भी कहाँ आसान है।
इन मुस्कुराते अधरों के पीछे,
मन में जाने कितने घमासान हैं।।
करते हैं बेइंतेहा प्रेम मग़र,
भावनाएं व्यक्त करने से डरते हैं।।
पुरुष भी कोमल हृदय रखते हैं,
बस सबके सामने रो...
पुरुष होना भी कहाँ आसान है।
इन मुस्कुराते अधरों के पीछे,
मन में जाने कितने घमासान हैं।।
करते हैं बेइंतेहा प्रेम मग़र,
भावनाएं व्यक्त करने से डरते हैं।।
पुरुष भी कोमल हृदय रखते हैं,
बस सबके सामने रो...