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*"*हुनर जीने का"**
गिरना,और फिर थोड़ा उठकर संभलना है,
अकेले ही पथरीले मार्ग पर तुझे चलना है।,
आए कितने ही तूफ़ान जीवन में,
तुझे हंस कर आगे अग्रसर होना है।
बिगड़ रहे हो रिश्ते आपस में अगर,
तुझे झुक कर उन्हें समेटना है।
जीवन के तजुर्बे को,और तुझे तराशना है ,
जिन्दगी जीने का हुनर, और तुझे सीखना है।
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