...

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मिथिला
दरभंगा नगर हमर सजीव सपन,
संस्कृति-सभ्यता के बानगी अपन।
पान-सिंघार के सौरभ सगर में भरल,
माछ-मखान से धरती अँगना में सजल।

दरभंगा मधुबनी सँ मधुर मुस्की,
माछ के स्वाद आ सगर में रसकी।
रसभरी रसगुल्ला, दही-चूड़ा के थाल,
भोज-भात में भेटल अपन समाजक हाल।

मिथिला के रंग, आ दरभंगा के रीत,
प्रेम आ अपनापन सँ भरल छैक प्रीत।
मधुबनी चित्र में रंग-बिरंगी साज,
माँ सीता के गाथा...