...

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मां


मां, खुशियों की बहार है तुमसे
खुले जन्नत का दरबार है तुमसे
ममता का आंचल जब तू लहराए
मिले सुखों का अंबार फिर तुमसे।

करुणा,दयालुता की मूरत हो तुम
सच में भगवान की सूरत हो तुम
अपनों की अहम ज़रूरत हो तुम
हां,ख़ुद ही ख़ुद की पूरक हो तुम।

तेरे आंचल में चैन की नींद मिले
तेरे प्यार से मिटती उम्मीद जगे
मुस्कुराहट, सहनशीलता ओढ़े
संघर्ष की तू संपूर्ण दास्तान लगे।

तुम्हें देख मन को सुकून मिले
तेरी बातों से दिल में जुनून भरे
बिन कहे समझे मन की हर बात
हाथ रखे जो सर पर सब दर्द मिटे।

प्यारे घर की सुंदर मुस्कान हो तुम
घर में बसने वालों की जान हो तुम
सुबह भी तुम प्यारी सांझ भी तुम
जीवन को देती धारा प्रवाह हो तुम।

© joo